बच्चों का आकाश

Friday, December 30, 2011

बैंड वाले अंकल


हमको बड़े भले लगते है
बैंड वाले  अंकल,
प्यारी - प्यारी धुनें बनाते
बैंड वाले  अंकल,
चमक रही रगीली ड्रेस
राजाओं सा सही भेष,
नेपोलियन सा टोप लगाकर
हमें सुनते जिंगल, 
बैंड वाले  अंकल,
इनके बिना नहीं  सज पाती
कोई भी बरात,
थिरक रहे सारे बाराती
सात सुरों के साथ,
तारों जैसे चमक रहे है
जैसे ट्विंकल-ट्विंकल,
बैंड वाले  अंकल.

Tuesday, December 20, 2011

गुडिया की शादी.....


है मेरी गुडिया की शादी,  
कैसे सजे धजे बाराती.  
प्यारी धुनें बजता बैंड,
नाच रहे गुड्डे के फ्रैंड.
जगमग जगमग  जलती लाईट,
हो गयी रंग बिरंगी नाईट. 
गुडिया ले आयी जैमाल, 
गुड्डे जी ने किया कमाल. 
पहले दे दो मोटर कार ,
तभी गले में डालू हार. 
गुड्डे जी के देखे रंग,  
घर वाले सब हो गए दग.
गुडिया बोली वापस जाओ, 
मुझे न काला मुह दिखलाओ. 
लालच का जो हुआ शिकार, 
ऐसा दूल्हा है बेकार .
जिसमे पापा की बर्बादी, 
नहीं चाहिए ऐसी शादी . 

-कुश्वंश

Tuesday, December 13, 2011

गुडिया अलबेली



यहाँ वहां तितली बन उडती
मै गुडिया अलबेली,
परियों के संग आना जाना
मैं अनजान पहेली,
जिस घर में पाती हूँ प्यार
मैं उसको अपनाऊ,
वर्ना टाटा बाय बाय कर
कभी पास ना आऊँ,
मै इतनी सुन्दर दिखती  हूँ
चंदा  भी शर्माए,
मेरे सामने विस्वसुन्दरी
पानी भरने आये,
जो भी देखो गाल नोचता
अपना  प्यार दिखता ,
मैं हंसती हूँ ऊपर ऊपर
अन्दर गुस्सा आता,
गोद मुझे मम्मी की भाये
पापा की बाहों का झूला,
पूरे घर की सैर करू तो
खाना पीना भूला,
दादी कहती सोजा बेटी
दादा कहते आजा,
भैया चिकोटी काट के कहता
और बजाओ बाजा.
मै कहती नानी घर जाऊ
नानी कहे कहानी,
नाना कहते मुझे दिखाओ
कहाँ है रोती रानी.